मोटापा बढ़ने से बच्चों को हो सकती डायबिटीज और दिल की बीमारी, जानिए इसे कंट्रोल करने के आयुर्वेदिक तरीके
11 फरवरी 2022/ पिछले दो सालों में कोरोना महामारी ने बच्चों की पढ़ाई-लिखाई और खेलने-कूदने पर कई पाबंदियां लगा दीं। इसके चलते उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों पर ही बुरा असर पड़ा। जो बच्चे स्कूल में अपना आधा दिन बिताते थे, वे घर में कैद होकर अपना पूरा दिन फोन के सामने गुजारने लगे। उन्हें बिना कोई फिजिकल एक्टिविटी किए बैठे-बैठे खाने की आदत हो गई। ऐसे में जहां कुछ बच्चों का वजन बढ़ा, वहीं कुछ का वजन आउट ऑफ कंट्रोल हो गया।
WHO के अनुसार मोटापा क्या है?
कोरोना महामारी ने बच्चों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर डाला है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, मोटापा ऐसी कंडीशन होती है, जिसमें हमारे शरीर में जरूरत से ज्यादा फैट जमा हो जाता है। इससे कई गंभीर बीमारियां, जैसे हृदय रोग और टाइप-2 डायबिटीज, होने का रिस्क बढ़ता है। ये रोग मोटे बच्चों को भी अपना शिकार बना रहे हैं।
जिन लोगों का बॉडी मास इंडेक्स (BMI) 25 से ज्यादा होता है, उन्हें ओवरवेट कहा जाता है और जिनका BMI 30 से ज्यादा होता है, उन्हें ओबीस (मोटा) कहा जाता है। BMI एक मेट्रिक सिस्टम है, जिसका इस्तेमाल इंसान के ज्यादा और कम वजन को मापने के लिए किया जाता है।
भारतीय बच्चों में बढ़ रहा मोटापा
भारत में करीब 1.44 करोड़ बच्चे अधिक वजन वाले हैं।
नवंबर 2021 में रिलीज हुई नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 (NFHS-5) की रिपोर्ट के अनुसार, 5 साल की उम्र तक के बच्चों में मोटापा बढ़ा है। NFHS-4 में 2.1% के मुकाबले मोटापे से ग्रसित बच्चों की संख्या बढ़कर NFHS-5 में 3.4% हो गई है। इस बदलाव को अलार्मिंग स्टेज भी समझा जा सकता है। बता दें कि देश में करीब 1.44 करोड़ बच्चे अधिक वजन वाले हैं। दुनियाभर में करीब 2 अरब बच्चे मोटापे से ग्रस्त हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि चाइल्ड ओबेसिटी जल्द ही महामारी में तब्दील हो सकती है।
बच्चों में मोटापा कम करने के आयुर्वेदिक नुस्खे
आयुर्वेद की मदद से वजन कम किया जा सकता है।
आयुर्वेद की मदद से वजन कम करने के साथ-साथ शरीर का मेटाबॉलिज्म भी अच्छा रखा जा सकता है।
आयुर्वेद के अनुसार, मोटापे से जूझ रहे लोगों को कम तेल में बना हल्का खाना खाना चाहिए, जो शरीर आसानी से पचा सके।
व्यंजनों में हल्दी, अदरक, मिर्च, धनिया, दालचीनी जैसी चीजों का इस्तेमाल करना चाहिए।
त्रिफला, वलिया लक्षदी जैसे तेल के इस्तेमाल के साथ ही स्टीम बाथ लेनी चाहिए। एक भाप से भरे कमरे में खुद को निश्चित समय तक रखना स्टीम बाथ कहलाता है। इससे पसीना ज्यादा आएगा और फैट कम होगा।
योगासन जैसे ताड़ासन, पश्चिमोत्तानासन, सूर्य नमस्कार, पवनमुक्तासन, भुजंगासन और धनुरासन का रोजाना अभ्यास करने से मोटापा कम होता है।
प्राणायाम जैसे कपालभाति, अनुलोम विलोम, भस्त्रिका और भ्रामरी का अभ्यास करने से शरीर में सकारात्मक बदलाव आते हैं।