इकोनॉमिक सर्वे 2022-23 : GDP ग्रोथ 8.5% रहने की उम्मीद, राज्यसभा में 3.30 बजे पेश होने के बाद पब्लिक होगी सर्वे रिपोर्ट
नई दिल्ली, 31 जनवरी 2022/ आज, यानी 31 जनवरी 2022 को संसद का बजट सत्र शुरू चुका है। लोकसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण साल 2021-22 के लिए इकोनॉमिक सर्वे रिपोर्ट पेश की। इकोनॉमिक सर्वे के अनुसार 2022-23 में 8-8.5% की GDP ग्रोथ (आर्थिक वृद्धि दर) का अनुमान लगाया गया है। राज्यसभा में दोपहर 3.30 बजे पेश होने के बाद इसे पब्लिक किया जाएगा। चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर वी अनंत नागेश्वरन 3.45 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस में इकोनॉमिक सर्वे से जुड़ी जानकारी देंगे।
इकोनॉमिक सर्वे में कहा गया है कि वैक्सीन कवरेज और सप्लाई साइड रिफॉर्म से ग्रोथ को सपोर्ट मिलेगा। सरकार का GDP अनुमान इस बात पर आधारित है कि आगे महामारी से कोई आर्थिक गतिविधि प्रभावित नहीं होगी और मानसून भी सामान्य रहेगा। इसका मतलब है कि अगर मानसून या महामारी का कोई प्रभाव आता है तो जीडीपी घट सकती है।
इतनी रह सकती है देश की आर्थिक वृद्धि दर
वित्त वर्ष 2021-22 की इस आर्थिक समीक्षा में यह पता चलेगा कि कोरोना की दूसरी और तीसरी लहर के बीच देश ने किस तरह से तरक्की की। इकोनॉमिक सर्वे के अनुसार 2022-23 में 8-8.5% की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान लगाया गया है। ये चालू वित्त वर्ष के 9.2% के ग्रोथ अनुमान से कम है।
GDP से पता चलती है इकोनॉमी की हेल्थ
GDP इकोनॉमी की हेल्थ को ट्रैक करने के लिए उपयोग किए जाने वाले सबसे कॉमन इंडिकेटर्स में से एक है। GDP देश के भीतर एक स्पेसिफिक टाइम पीरियड में प्रोड्यूस सभी गुड्स और सर्विस की वैल्यू को रिप्रजेंट करती है। इसमें देश की सीमा के अंदर रहकर जो विदेशी कंपनियां प्रोडक्शन करती हैं, उन्हें भी शामिल किया जाता है। जब इकोनॉमी हेल्दी होती है, तो आमतौर पर बेरोजगारी का लेवल कम होता है।
इकोनॉमिक सर्वे क्या होता है?
हम उस देश में रहते हैं, जहां मिडिल क्लास लोगों की तादाद बहुत ज्यादा है। हमारे यहां ज्यादातर घरों में एक डायरी बनाई जाती है। इस डायरी में पूरा हिसाब-किताब रखते हैं। साल खत्म होने के बाद जब हम देखते हैं तो पता चलता है कि हमारा घर कैसा चला? हमने कहां खर्च किया? कितना कमाया? कितना बचाया? इसके आधार पर फिर हम तय करते हैं कि हमें आने वाले साल में किस तरह खर्च करना है? बचत कितनी करनी है? हमारी हालत कैसी रहेगी?
ठीक हमारे घर की डायरी की तरह ही होता है इकोनॉमिक सर्वे। इससे पता चलता है कि हमारे देश की अर्थव्यवस्था की हालत कैसी है? इकोनॉमिक सर्वे में बीते साल का हिसाब-किताब और आने वाले साल के लिए सुझाव, चुनौतियां और समाधान का जिक्र रहता है। इकोनॉमिक सर्वे को बजट से एक दिन पहले पेश किया जाता है।