• breaking
  • Chhattisgarh
  • छत्तीसगढ़ के सहायक आरक्षकों को आरक्षकों की तरह वेतन और दूसरी सुविधाएं दी जाएंगी

छत्तीसगढ़ के सहायक आरक्षकों को आरक्षकों की तरह वेतन और दूसरी सुविधाएं दी जाएंगी

3 years ago
161
पिछले महीने सहायक आरक्षक के परिवारों ने सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया था। - Dainik Bhaskar

रायपुर, 09 जनवरी 2022/   छत्तीसगढ़ के सहायक आरक्षकों को जल्द ही आरक्षकों की तरह वेतन और दूसरी सुविधाएं दी जाएंगी। इसे लेकर सरकार की तरफ से कहा गया है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ पुलिस के लिए काम करने वाले सहायक आरक्षकों को नए साल का तोहफा देने जा रहे हैं। विभागीय सूत्रों के मुताबिक जल्द ही प्रमोशन, वेतन और भत्ते को लेकर एक आदेश सरकार जारी करेगी।

छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने पुलिस हेड क्वार्ट्स से इसे लेकर एक रिपोर्ट तैयार करने को कहा था। अब DGP अशोक जुनेजा ने ये रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप दी है। इस रिपोर्ट में सहायक आरक्षकों को काम-काज के दौरान आने वाली दिक्कतों, ड्यूटी शैड्यूल, काम के बदले में मिलने वाले रुपए, मेडिकल फैसिलिटीज से जुड़ी सिफारिशें हैं, इस पर फैसला लेकर सरकार सहायक आरक्षकों को नई सौगात देगी।

पिछले महीने सड़कों पर उतरा था परिवार
दिसंबर के महीने में रायपुर की सड़कों पर 3 से 4 दिनों तक सहायक आरक्षकों के परिवार की महिलाओं ने इन्हीं मांगों को लेकर आंदोलन किया था। बीजापुर में तो सहायक आरक्षकों ने हथियार जमा कर आंदोलन में जाने का ऐलान कर दिया था। जैसे-तैसे पुलिस अफसरों ने मामले को संभाला था।

10 हजार रुपए और जान का जोखिम
आंदोलन से जुड़े नवीन राव ने बताया था कि सहायक आरक्षकों को 10 हजार रुपए वेतन के तौर पर मिलते हैं। इतने में परिवार को पाला जा सकता है क्या, इस महंगाई के दौर में। न भत्ता मिलता है, न पीएफ और ना ही मेडिकल की सुविधा मिलती है। एक पे स्लिप में अफसर सील लगाकर पैसे दे देते हैं। वहीं जब नक्सलियों को पता चलता है कि सहायक आरक्षक अपने गांव में है तो वह उनकी हत्या कर देते हैं।

नक्सलियों के इंपुट सहायक आरक्षक देते हैं
एक सहायक आरक्षक की पत्नी रेखा ने बताया कि यदि सरकार ने उनकी मांगे मानने का फैसला किया तो ये खुशी की बात है। हम चाहती हैं कि सहायक आरक्षक को आरक्षक के पद पर पदोन्नति करते हुए विभाग उन्हें नियमित नौकरी दी जाए, वेतनमान में सुधार हो, साप्ताहिक अवकाश दिया जाए और अनुकंपा नियुक्ति का नियम लागू हो। कई बार नक्सलियों के इनपुट सहायक आरक्षक देेते हैं। मगर प्रमोशन और अवॉर्ड पुलिस के दूसरे अफसरों को मिल जाता है। इस ओर भी ध्यान देना होगा।

Social Share

Advertisement